Neeti Mohan
Kahin Toh Hogi Woh-Teri Aahatein
मैंने नहीं जाना
तूने नहीं जाना
जाने अनजाने जो हुआ
कुछ तो हुआ जो
मुझको हुआ ना
तुझको मगर क्यूँ हुआ

हो सांसें खो गयी है किसकी आहों में
मैं खो गयी हूँ जाने किसकी बाहों में
मंज़िलों से राहें ढूंढ़ती चली
खो गयी है मंज़िल कहीं राहों में

सब कुछ वही है
पर कुछ कमी है
तेरी आहटें नहीं है
नहीं है

जाने न कहाँ वो दुनिया है
जाने न वो है भी या नहीं
जहाँ मेरी ज़िंदगी मुझसे
इतनी ख़फ़ा नहीं

जाने न कहाँ वो दुनिया है
जाने न वो है भी या नहीं
जहाँ मेरी ज़िंदगी मुझसे
इतनी ख़फ़ा नहीं
हो छोटी छोटी बातें यूँही आते जाते
यादें सेहलाके जाती है
रातों को सिरहाने
बांसी मुस्काने
मुझको सुलाके जाती है

मिलना नहीं है मुमकिन
इतना बताओ लेकिन
हम फिर मिले क्यूँ है
तुझको बुला पाऊँ
तुझको बुला पाऊँ
ये सिलसिले क्यूँ है

होगी जहाँ सुबह तेरी
पलकों की किरणों में
लोरी जहाँ चाँद की
सुने तेरी बाहों में

कहीं तो
कहीं तो होगी वो
दुनिया जहाँ तू मेरे साथ है
जहाँ मैं, जहाँ तू और जहाँ
बस तेरे मेरे जज़्बात है

तेरी आहटें नहीं है
आहटें नहीं है
तेरी आहटें नहीं है
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे
इतनी ख़फ़ा नहीं
तेरी आहटें नहीं है, तेरी आहटें नहीं है
केहती है फ़िज़ा जहाँ
तेरी ज़मीन आसमां
जहाँ है तू मेरी हंसी
मेरी ख़ुशी, मेरी जान