[Verse 1: Gajendra Verma]
रूखे-रूखे हैं मौसम के लब बिन तेरे
सूखे पेड़ों से हो गए मेरे शाम-सवेरे
एक रंज है राहगुज़ारों में
एक आग लगी गुलज़ारों में
हर साँस घुली अंगारों में
सुन भी ले मेरी सदा
[Chorus: Gajendra Verma]
अब आजा, सनम, फ़िरूँ मैं बेक़रार
अब आजा, सनम, करूँ तेरा इंतज़ार
[Bridge: Jonita Gandhi]
अब हैं अधूरी तेरे बिना रातें ये सारी मेरी
अब हैं अधूरे तेरे बिना ख़्वाब ये सारे मेरे
[Verse 2: Gajendra Verma And Jonita Gandhi]
हो, तेरे बिन ना गुज़रने पे वक्त तुला है
तेरे बिन जैसे दर्द हवा में घुला है
जैसे चोट हरी है, जैसे ज़ख्म खुला है
मेरा जीना हुआ सज़ा
[Chorus: Gajendra Verma And Jonita Gandhi]
अब आजा, सनम, फ़िरूँ मैं बेक़रार
अब आजा, सनम, करूँ तेरा इंतज़ार
[Verse 3: Gajendra Verma And Jonita Gandhi]
बिन तेरे ख़ाली-ख़ाली तारों भरा होके भी आसमाँ
सूने रस्ते सारे, सूना-सूना सा है सारा जहाँ
तेरे बिन, तेरे बिन, हाँ, तेरे बिन, बेरुखी से कटते हैं मेरे दिन
तेरे बिन जैसे जलती हैं चाँद सी रातें
तेरे बिन जैसे खलती हैं होंठों को बातें
जैसे कोरे वरक़, जैसे ख़ाली दवातें
जैसे सबकुछ है बेवजह
[Chorus: Gajendra Verma And Jonita Gandhi]
अब आजा, सनम, फ़िरूँ मैं बेक़रार
अब आजा, सनम, करूँ तेरा इंतज़ार