Mohit Chauhan
Rumaani Sa (From ”Bewakoofiyaan”)
कुछ तो थी अकल दिल में
होके बेदख़ल दिल ने
शेख़ी मार के हम से
सब कुछ हार के फिर से
ख़ाबों की खुरचन से दिन ये कुरेदा है
गुत्थी ये खोली है तुम ने, हम ने
रूमानी सा, रूमानी सी
तू और मैं, मैं और तू
रूमानी सा, रूमानी सी
दिल और हर जुस्तजू
वादों के खुले बस्ते
महँगे दाम पे सस्ते
मिलते हैं जहाँ हम को
वो हैं इश्क़ के रस्ते
वहाँ दोपहरों से (वहाँ दोपहरों से)
ख़स्ती-करारी सी (ख़स्ती-करारी सी)
धूप उतारेंगे, तू जो कह दे
रूमानी सा, रूमानी सी
तू और मैं, मैं और तू
रूमानी सा, रूमानी सी
दिल और हर जुस्तजू
ना होगा कि किताबों में
छपेगी तेरी-मेरी कहानी
हाँ, किश्तों में सुना देंगे
ये क़िस्सा तेरी-मेरी ज़ुबानी
टूटी-फ़ूटी, सच्ची-झूठी तेरी-मेरी दास्ताँ
औरों से क्या लेना-देना? देंगे खुद को बता
रूमानी सा, रूमानी सी
तू और मैं, मैं और तू
रूमानी सा, रूमानी सी
दिल और हर जुस्तजू
रूमानी सा, रूमानी सी
रूमानी सा, रूमानी सी
रूमानी सा, रूमानी सी