चुपके चुपके देख रहा हूं तेरा जादू टोना
सुबेह सबेह चांद निकलना
रात को धूप का खिलना
चुपके चुपके देख रहा हूं तेरा जादू टोना
सुबेह सबेह चांद निकलना
रात को धूप का खिलना
तू चाहे मौसम बदल जाए सरगम में
तू चाहे बादल ये ढल जाए बूंदों में
भुली भटकी एक हवा जो तेरे घर को आए
भुलके रस्ता खामोशी से जुल्फ तेरी सुलझाए
मुझको गवारा नई तुझको छु जाए झोका भी
मेरे सिवा कोई अब तेरी गलियों से गुज़रे भी
दीवारों से धुप ढाले जब
मुझको याद तू आए है
परछाई सी दूर खड़ी तू
मेरे ख्वाब चुराए
ये सोच के मैं बैठा हूं
राहों में शायद किसी दिन
तू आएगी बाहों में