Mohammed Rafi
Kahin Bekhayal Hokar
[Chorus]
कहीं बेख़याल होकर यूँ ही छू लिया किसी ने
कहीं बेख़याल होकर यूँ ही छू लिया किसी ने
कई ख़्वाब देख डाले यहाँ मेरी बेख़ुदी ने
कहीं बेख़याल होकर...
[Verse 1]
मेरे दिल में कौन है तू कि हुआ जहाँ अँधेरा
मेरे दिल में कौन है तू कि हुआ जहाँ अँधेरा
वहीं १०० दीए जलाए तेरे रुख़ की चाँदनी ने
[Chorus]
कई ख़्वाब...
कई ख़्वाब देख डाले यहाँ मेरी बेख़ुदी ने
कहीं बेख़याल होकर...
[Verse 2]
कभी उस परी का कूचा, कभी इस हसीं की महफ़िल
कभी उस परी का कूचा, कभी इस हसीं की महफ़िल
मुझे दर-ब-दर फिराया मेरे दिल की सादगी ने
[Chorus]
कई ख़्वाब...
कई ख़्वाब देख डाले यहाँ मेरी बेख़ुदी ने
कहीं बेख़याल होकर...
[Verse 3]
है भला सा नाम उसका, मैं अभी से क्या बताऊँ?
है भला सा नाम उसका, मैं अभी से क्या बताऊँ?
किया बेक़रार अक्सर मुझे एक आदमी ने
[Chorus]
कई ख़्वाब...
कई ख़्वाब देख डाले यहाँ मेरी बेख़ुदी ने
कहीं बेख़याल होकर...
[Verse 4]
अरे, मुझ पे, नाज़ वालों, ये नियाज़-मंदियाँ क्यूँ?
अरे, मुझ पे, नाज़ वालों, ये नियाज़-मंदियाँ क्यूँ?
है यही करम तुम्हारा तो मुझे ना दोगे जीने
[Chorus]
कई ख़्वाब...
कई ख़्वाब देख डाले यहाँ मेरी बेख़ुदी ने
कहीं बेख़याल होकर यूँ ही छू लिया किसी ने
कहीं बेख़याल होकर...