Mohammed Rafi
Ye Mana Dil Jise Dhunde Badi Mushkil Se Milta Hai
ये मन दिल जिसे ढूंढे
बड़ी मुश्किल से मिलता है
ये मन दिल जिसे ढूंढे
बड़ी मुश्किल से मिलता है
मगर जो ठोकरें खाये
बिना मंज़िल से मिलता है
चलो बैठे हो क्या बेकार
किसनमत के दुहराए पर
चलो बैठे हो क्या बेकार
किसनमत के दुहराए पर
वही रास्ता हिअ जो
तुम्हारे दिल से मिलता है
ये मन दिल जिसे ढूंढे
बड़ी मुश्किल से मिलता है
मगर जो ठोकरें खाये
वही मंजिल से मिलता है
अगर दुश्मन कोई तूफ़ान
उठाये भी तो क्या पर्वः
अगर दुश्मन कोई तूफ़ान
उठाये भी तो क्या पर्वः
सफीना रुण्ड कर तूफान को
साहिल से मिलता है
ये मन दिल जिसे ढूंढे
बड़ी मुश्किल से मिलता है
मगर जो ठोकरें खाये
बिना मंज़िल से मिलता है