Mohammed Rafi
Mujhe Le Chalo Aaj Phir
मुझे ले चलो आज फिर उस गली में
जहाँ पहले-पहले ये दिल लड़खड़ाया
वो दुनिया, वो मेरी मोहब्बत की दुनिया
जहाँ से मैं बेताबियाँ लेके आया
मुझे ले चलो
जहाँ सो रही है मेरी ज़िंदगानी
जहाँ छोड़ आया मैं अपनी जवानी
वहाँ आज भी एक चौखट पे ताज़ा
मोहब्बत के सज्दों की होगी निशानी
मोहब्बत के सज्दों की होगी निशानी
मुझे ले चलो
वो दुनिया जहाँ उसके नक़्श-ए-क़दम हैं
वहीं मेरी ख़ुशियाँ, वहीं मेरे ग़म हैं
मैं ले आऊँगा ख़ाक उस रहगुज़र की
कि उस रहगुज़र के तो ज़र्रे सनम हैं
कि उस रहगुज़र के तो ज़र्रे सनम हैं
मुझे ले चलो
वहाँ एक रंगीन चिलमन के पीछे
चमकता हुआ उसका रुख़्सार होगा
बसा लूँगा आँखों में वो रोशनी मैं
यूँ ही कुछ इलाज-ए-दिल-ए-ज़ार होगा
यूँ ही कुछ इलाज-ए-दिल-ए-ज़ार होगा
मुझे ले चलो आज फिर उस गली में
जहाँ पहले-पहले ये दिल लड़खड़ाया
वो दुनिया, वो मेरी मोहब्बत की दुनिया
जहाँ से मैं बेताबियाँ लेके आया
मुझे ले चलो