Mohammed Rafi
Zindagi Bhar Nahi Bhoolegi
ज़िंदगी भर नही भूलेगी वो बरसात की रात
एक अंजान हसीना से मुलाक़ात की रात
ज़िंदगी भर नही भूलेगी
हाय वो रेशमी ज़ुल्फो से बरसता पानी
हाय वो रेशमी ज़ुल्फो से बरसता पानी
फूल से गालो पे रुकने को तरसता पानी
दिल मे तूफान उठाते हुए
दिल मे तूफान उठाते हुए जज़्बात की रात
ज़िंदगी भर नही भूलेगी
मेरे नगमो में जो बस्ती है वो तस्वीर थी वो
नौजवानी के हसीन ख्वाब की ताबीर थी वो
आसमानों से उतर आई हो
आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात
ज़िंदगी भर नही भूलेगी वो बरसात की रात
ज़िंदगी भर नही भूलेगी