Mohammed Rafi
Zameen Se Humen Aasman Par
ज़मीं से हमें आसमाँ पर
बिठा के गिरा तो ना दोगे?
अगर हम ये पूछें कि दिल में
बसा के भुला तो ना दोगे?
ज़मीं से हमें आसमाँ पर
बिठा के गिरा तो ना दोगे?
अगर हम ये पूछें कि दिल में
बसा के भुला तो ना दोगे?
ऐ रात, इस वक़्त आँचल में तेरे
जितने भी हैं ये सितारे
ऐ रात, इस वक़्त आँचल में तेरे
जितने भी हैं ये सितारे
जो दे-दे तू मुझको तो फिर मैं लुटा दूँ
किसी की नज़र पे ये सारे
हाँ, कहो कि ये रंगीन सपने
सजा के मिटा तो ना दोगे?
अगर हम ये पूछें कि दिल में
बसा के भुला तो ना दोगे?
तुम्हारे सहारे निकल तो पड़े हैं
है मंज़िल कहाँ दिल ना जाने
तुम्हारे सहारे निकल तो पड़े हैं
है मंज़िल कहाँ दिल ना जाने
जो तुम साथ दोगे तो आएगी
एक दिन मंज़िल गले से लगाने
हाँ, इतना तो दिल को यक़ीं है
हमें तुम दग़ा तो ना दोगे
अगर हम ये पूछें कि दिल में
बसा के भुला तो ना दोगे?
ज़मीं से हमें आसमाँ पर
बिठा के गिरा तो ना दोगे?
अगर हम ये पूछें कि दिल में
बसा के भुला तो ना दोगे?