Vishal Dadlani
Kareeb
देखा तूने, देखा मैंने चोरी-चोरी यूँ तो १०० दफ़ा
हाँ, १०० दफ़ा
जी ले थोड़ा, हो ना जाए बातों-बातों में ही यूँ सुबह
हाँ, यूँ सुबह

100 बातों की बात है एक
मैं हूँ तेरा, तो क्या सोचना?

कोई करके बहाना आजा ना मेरे क़रीब
कोई करके बहाना आजा ना मेरे क़रीब

आया तू जब से नज़रों में
मैंने फिर ख़्वाब देखा ना
होगा कल से ये ख़बरों में
तेरी हाँ की बची हैं देरियाँ

तू रहेगा मेरे ज़िक्रों में
अब कभी कोई होगा ना
कह ना पाऊँ चाहे लफ़्ज़ों में
फिर भी करता रहूँगा मैं बयाँ

तू चाहिए
बाक़ी कर ली हैं मैंने सारी तैयारियाँ

कोई करके बहाना आजा ना मेरे क़रीब
कोई करके बहाना आजा ना मेरे क़रीब
आजा ना मेरे क़रीब
आजा ना, आजा ना
आजा ना मेरे क़रीब
आजा ना मेरे क़रीब